गृह मंत्रालय के संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीम (वीआईटी) क्षेत्रीय सम्मेलन हुआ
Joint Cyber Crime Coordination Team
(अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी एसएन)
विशाखापठनम :: (आंध्र प्रदेश) Joint Cyber Crime Coordination Team: भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र और गृह मंत्रालय के तत्वावधान में संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीम (वीआईटी) का चौथा क्षेत्रीय सम्मेलन आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा सहित एक दिवसीय विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था। केंद्रशासित प्रदेश अक्षद्वीप के साथ। अंडमान एवं निकोबार पुडुचेरी झारखंड के प्रतिनिधियों ने भाग लिया आंध्र प्रदेश गृह मंत्रालय के डीजीपी राजेंद्रनाथ रेड्डी समाचार पत्र को बताया कि
आंध्र प्रदेश राज्य के विशाखापत्तनम में एक दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
एमएस शिवगामी सुंदर नंदा (आई.पी.एस. गृह मंत्रालय, विशेष सचिव आंतरिक सुरक्षा), राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री के.वी. राजेंद्रनाथ रेड्डी.आई.पी.एस. गारू, विशाखापत्तनम सिटी पुलिस के आयुक्त (डॉ. एस. ए. रविशंकर, आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के रूप में आईपीएस अधिकारी गण के इस साइबर अपराध समन्वय कार्यशाला में लगभग 50 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
देश भर में हो रहे साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए हर साल यह बैठक आयोजित की जाती है और साइबर अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश समन्वय में काम करते हैं। संयुक्त साइबर अपराध समन्वय टीम VII का चौथा क्षेत्रीय सम्मेलन आज विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में आयोजित हुआ...
इस कार्यशाला में राज्य के डीजीपी राजेंद्रनाथ रेड्डी ने कहा कि साइबर अपराध के प्रति सभी को जागरूक रहना चाहिए और साइबर अपराधियों के लिए कोई मौका नहीं है. ऐसा होने से रोकने के लिए समय-समय पर आधुनिक तकनीक से बचाव के उपाय करना
निष्कर्षतः, सभी राज्यों के प्रतिनिधियों को साइबर अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए इस कार्यशाला का लाभ उठाना चाहिए।
श्रीमती शिवगामी सुंदरी नंदा.आई.वी.एस., एम.एच.ए. विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) ने प्रतिनिधियों को देश भर में साइबर अपराध की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी और बताया कि इससे समन्वित तरीके से कैसे निपटा जाए। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा प्रस्तुति प्रतिनिधियों को समझाया और उनकी शंकाओं का समाधान किया।
आज आयोजित कार्यशाला में मुख्य रूप से देश के सभी राज्यों को पूर्ण समन्वय के साथ साइबर अपराध पर नियंत्रण करना चाहिए और इसके तहत एक-दूसरे के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करना चाहिए, साइबर अपराध के मामलों की अधिक प्रभावी ढंग से जांच करनी चाहिए, साइबर अपराधियों को दंडित करना चाहिए और साथ ही पीड़ितों को खोए हुए पैसे लौटाएं, -महिलाएं, गिरोह से संबंधित साइबर अपराधों पर पूर्ण रोक लगाएं, साइबर अपराधों से संबंधित अन्य देशों के साथ पारस्परिक कानूनी सहायता समझौतों (एमएलएटी) के कार्यान्वयन से संबंधित सभी गतिविधियों के समन्वय के लिए सभी संभावित अवसरों का उपयोग करें, साथ ही साइबर अपराध को रोकने के लिए कई आधुनिक तकनीकों, कर्मियों के प्रशिक्षण, कई टीमों के गठन, जवाबदेही नीतियों और अन्य उपायों पर चर्चा की गई और कई निर्णय लिए गए।
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